The Ultimate Guide To उच्च शिक्षा
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इन मानदंडों को पूरा करने वाले विद्यार्थी ही योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि योजना सही लोगों तक पहुंचे।
इस योजना के अंतर्गत जो भी परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, वह अपने बच्चों का दाखिला हरियाणा की किसी भी प्राइवेट स्कूल में करवा सकते हैं
Details
माता-पिता को हरियाणा के निवासी होना चाहिए या हरियाणा सरकार में कार्यरत होना चाहिए।
चिराग योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
प्राइवेट स्कूलों में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या
हरियाणा चिराग स्कीम के बारे में जानकारी
हरियाणा चिराग योजना या यूं कहें कि हरियाणा अनुदान योजना को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य गरीब व निम्न मिडिल क्लास लोगों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने की इच्छा सभी की होती है लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण विद्यार्थी चाह कर भी प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ पाते हैं। इसीलिए इस चीज को ध्यान में रखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इस योजना को निकाला है जिसके तहत वह गरीब विद्यार्थियों को जो पढ़ाई करने में इच्छुक हैं उन्हें प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाएंगे।
सबसे पहले निचे दिए गए ऑफलाइन फॉर्म के लिंक से आवेदन फॉर्म को डाउनलोड कर लेना है, उसके बाद आवेदन फॉर्म को अच्छे से भरना लेना है
०६४ सालमा पुष्पकमल दाहालको सरकारले देशका केही सामुदयिक क्याम्पसलाई त्रिविको आंगिक क्याम्पसमा बनाउन बजेट छुट्याउँदासमेत सरकारले नयाँ आंगिक क्याम्पस खोल्न पाउन्न भन्नेहरूले उच्च शिक्षामा समस्या देखाएर आफ्नो स्वार्थ पूरा गरिनैरहे । नेपालमा थुप्रिँदै गएका विभिन्न विश्वविद्यालय त्रिविको व्यवस्थापकीय भ्वाङबारे राम्रै जानकार छन् ।
चिराग योजना हरियाणा राज्य सरकार ने शुरू की है। यह योजना गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देती है। इसका उद्देश्य बच्चों के बीच शैक्षिक समानता लाना है।
चिराग योजना के तहत, राज्य सरकार निजी स्कूलों को वित्तीय सहायता देती है। गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने का मुख्य उद्देश्य है। यह योजना समाज में समानता लाने में मदद करती है।
चिराग योजना का आरंभ हरियाणा राज्य सरकार द्वारा किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है।
सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का भी शक है। पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इसको पूरी तरह से सीक्रेट रखा है। हालांकि, उनकी तैनाती के जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को नाम भेजकर रिपोर्ट तलब कर ली गई है। रेवेन्यू मंत्रालय से जुड़े टॉप सोर्स ने इसकी पुष्टि की है।
अब तक हजारों बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिल चुकी है। हर साल लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है।